प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई तक अपने अब तक के सबसे लंबे और रणनीतिक विदेश दौरे पर रवाना होने जा रहे हैं, जो पांच देशों — घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया — को शामिल करता है। यह यात्रा न सिर्फ दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और कैरिबियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को नया आयाम देने जा रही है, बल्कि ग्लोबल साउथ में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को भी सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
दौरे का विज़न: विकास, कूटनीति और रणनीतिक सहयोग
इस दौरे का उद्देश्य आर्थिक साझेदारी, डिजिटल कनेक्टिविटी, रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता को मजबूती देना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह दौरा ‘भारत के भरोसेमंद विकास साझेदार‘ के रूप में उसकी नई पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा।
घाना (2-3 जुलाई): वैक्सीन हब और संसद को संबोधन
घाना से इस दौरे की शुरुआत होगी, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी पहली बार पहुंचेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 30 वर्षों में पहली यात्रा होगी। घाना में पीएम मोदी वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना का समर्थन करेंगे, जो भारत–अफ्रीका स्वास्थ्य भागीदारी को गहराई देगा। इसके अलावा, वे घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे — एक ऐतिहासिक क्षण।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो (3-4 जुलाई): भारतीय विरासत को सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी का अगला पड़ाव त्रिनिदाद एंड टोबैगो होगा, जहाँ वे प्रधानमंत्री कमला पर्साद बिसेसर के आमंत्रण पर पहुँचेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 25 वर्षों में पहली यात्रा होगी। यहां वे संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय से मिलकर सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करेंगे।
अर्जेंटीना (4-5 जुलाई): रणनीतिक निवेश और रक्षा सहयोग
अर्जेंटीना में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। चर्चा के प्रमुख विषय होंगे — रक्षा, कृषि, खनन, ऊर्जा, नवीकरणीय संसाधन और निवेश। अर्जेंटीना के साथ भारत का व्यापारिक संतुलन बढ़ाने और रक्षा क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाओं को मूर्त रूप देने का यह अवसर ऐतिहासिक माना जा रहा है।
ब्राज़ील (5-8 जुलाई): BRICS 2025 और आतंकवाद पर वैश्विक संदेश
ब्राज़ील दौरे का मुख्य उद्देश्य 17वां BRICS शिखर सम्मेलन है। प्रधानमंत्री मोदी यहां चौथी बार ब्राज़ील की धरती पर BRICS के मंच पर बोलेंगे। वे अपने संबोधन में पहालगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिये वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट और सशक्त संदेश देंगे। ब्राज़ील में होने वाला BRICS घोषणापत्र पहालगाम हमले की निंदा करेगा — यह भारत की सुरक्षा चिंताओं को वैश्विक मंच पर न्याय दिलाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
नामीबिया (8-9 जुलाई): UPI की दस्तक और संसदीय संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा नामीबिया, जहाँ वे राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी–नदैतवाह से मिलेंगे और संसद को संबोधित करेंगे। इस दौरे में सबसे उल्लेखनीय पहल होगी — भारत की डिजिटल पेमेंट प्रणाली UPI को नामीबिया में लागू करने का समझौता।
यह भारत के “डिजिटल विदेश नीति” की सफलता को और मजबूती देगा। नामीबिया इस पहल से जुड़ने वाला आठवां देश होगा, इससे पहले भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस और यूएई इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन चुके हैं।
मोदी की सबसे लंबी रणनीतिक यात्रा: क्यों है खास?
10 वर्षों में सबसे लंबा दौरा
तीन महाद्वीपों में भारत की सीधी मौजूदगी
BRICS से परे, ग्लोबल साउथ में नई नेतृत्व भूमिका
UPI, स्वास्थ्य, आतंकवाद, ऊर्जा — हर फ्रंट पर भारत अग्रणी
भारत बोलेगा, दुनिया सुनेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा सिर्फ एक कूटनीतिक दौरा नहीं है — यह “वसुधैव कुटुम्बकम्” से “विश्वगुरु भारत” तक की यात्रा का विस्तार है। यह भारत के आत्मविश्वास, कूटनीति और तकनीकी नेतृत्व का परिचायक है। इन आठ दिनों में भारत, अफ्रीका और अमेरिका के बीच एक नया पुल बनेगा — और वह पुल बनेगा विश्वास, सहयोग और साझा विकास का।