हम ही हम हैं तो क्या हम हैं तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो
नई दिल्ली 10 सितंबर 2025 बोलने की भीड़ में सुनने की तन्हाई हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहाँ हर व्यक्ति अपने शब्दों से दुनिया को भर देना चाहता है। हर कोई चाहता है कि उसकी आवाज़ सबसे ऊँची और सबसे प्रभावी हो। लेकिन इस शोरगुल के बीच जो सबसे ज्यादा गुम हो गया…