जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। हाल ही में राजौरी ज़िले के नौशेरा सेक्टर में पकड़े गए एक पाकिस्तानी नागरिक की पहचान एक प्रशिक्षित आतंकी गाइड के रूप में हुई है, जो भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ कराने के मिशन पर था। जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही गहन पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे पाकिस्तान की सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद की रणनीति एक बार फिर बेनकाब हो गई है।
पकड़े गए आतंकी की पहचान और उद्देश्य
सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए व्यक्ति की पहचान मुहम्मद यासीन के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के कोटली ज़िले का निवासी है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा है और उसका काम प्रशिक्षित आतंकियों को भारतीय सीमा तक सुरक्षित पहुंचाना था। उसका दावा है कि उसके संपर्क पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी हैं।
कैसे हुआ खुलासा
सेना ने बताया कि यासीन को नियंत्रण रेखा (LoC) के नज़दीक संदिग्ध गतिविधियों के दौरान पकड़ा गया। उसके पास से जीपीएस डिवाइस, हाई-रेज़ोल्यूशन नक्शे, बारूदी सुरंगें निष्क्रिय करने वाले उपकरण और खाने-पीने का सामान बरामद हुआ। ये सभी चीजें इस बात की पुष्टि करती हैं कि उसे सीमापार आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
आतंकी लॉन्च पैड्स और पाक सेना की संलिप्तता
पूछताछ में यासीन ने स्वीकार किया है कि पाक अधिकृत कश्मीर में कई ‘लॉन्च पैड्स’ सक्रिय हैं, जहां आतंकियों को ठहराया जाता है और उन्हें भारतीय सीमा में भेजने के लिए तैयार किया जाता है। उसने यह भी बताया कि इन गतिविधियों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी सीधे तौर पर शामिल रहते हैं, और सुरक्षा की निगरानी खुद ISI करती है।
पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मोर्चे की ज़रूरत
यह घटना केवल सीमा सुरक्षा की चिंता का विषय नहीं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंक का संरक्षक राष्ट्र घोषित करने के लिए एक और प्रमाण है। भारत बार-बार विश्व बिरादरी से यह अपील करता रहा है कि पाकिस्तान की भूमिका को गंभीरता से लिया जाए। अब जबकि प्रत्यक्ष सबूत और कबूलनामे सामने हैं, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र व अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सख्त रवैया अपनाने की ज़रूरत है।
सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी और जनता का सहयोग सराहनीय
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियों और स्थानीय लोगों की सतर्कता की भूमिका सराहनीय रही। सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों की सजगता और सेना की तत्परता ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। इससे पहले की कोई घुसपैठ या आतंकी हमला होता, सुरक्षाबलों ने समय रहते साजिश को विफल कर दिया।
जम्मू-कश्मीर में पकड़ा गया यह पाकिस्तानी आतंकी गाइड न केवल भारत की सीमाओं पर मंडराते खतरे की एक और मिसाल है, बल्कि यह उस पड़ोसी देश की मानसिकता का प्रतिबिंब है जो आज भी आतंकवाद को अपने कूटनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी और अधिक आक्रामक होने की आवश्यकता है।