तिरुवनंतपुरम, 8 जुलाई 2025 —
केरल सरकार ने कोच्चि तट पर 25 मई को डूबे मालवाहक जहाज MSC ELSA 3 से हुए पर्यावरणीय और आर्थिक नुकसान को लेकर ₹9,531 करोड़ का मुआवज़ा मांगा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अब्दुल हकीम ने आदेश दिया कि जब तक मुआवज़ा नहीं दिया जाता, MSC Akiteta 2 जहाज को विजिंजम बंदरगाह पर हिरासत में रखा जाएगा।
सरकार ने अदालत को बताया कि MSC ELSA 3 और Akiteta 2 दोनों Mediterranean Shipping Company (MSC) से जुड़ी कंपनियों की संपत्ति हैं और एक ही मालिक के अधीन चलती हैं। ELSA 3 जहाज में मौजूद 640 कंटेनर समुद्र में डूब गए, जिनमें 12 कंटेनर में खतरनाक केमिकल कैल्शियम कार्बाइड और टनभर माइक्रोप्लास्टिक नर्डल्स थे।
ये नर्डल्स तटीय इलाकों में बहकर आ गए, जिससे समुद्री जीवन और पर्यावरण पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। कोल्लम और तिरुवनंतपुरम के समुद्र तटों पर ये प्लास्टिक बिखरे हुए मिले। विशेषज्ञों ने चेताया कि ये प्रदूषक मछलियों के माध्यम से मानव खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर सकते हैं।
सरकार ने ₹8,626.12 करोड़ पर्यावरणीय नुकसान, ₹378.48 करोड़ रोकथाम उपायों, और ₹526.51 करोड़ मछुआरों के नुकसान के लिए मुआवज़ा मांगा है।
न्यायाधीश हकीम ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह एक स्पष्ट समुद्री दावे का मामला है, जो इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में आता है। MSC Akiteta 2 को सुरक्षा के रूप में हिरासत में रखना न्यायोचित है।”
जहाज के मालिक, कप्तान और क्रू के खिलाफ 11 जून को फोर्ट कोच्चि पुलिस ने लापरवाही और खतरनाक सामग्री के प्रबंधन में चूक को लेकर FIR दर्ज की थी।