16 मई को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में अदालत के आदेश पर सर्वे हुआ, जिसमें वादी पक्ष ने वजूखाने में शिवलिंग जैसा ढांचा मिलने का दावा किया। इस दावे को लेकर देशभर में धार्मिक और कानूनी बहस छिड़ गई। मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया जबकि हिंदू पक्ष ने पूजा की अनुमति मांगी। मामला अदालत में लंबित है और संवेदनशीलता के चलते मीडिया रिपोर्टिंग पर भी सीमाएं लगाई गईं। यह विवाद धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक विरासत और कानून के बीच संतुलन की गंभीर चुनौती बना रहा।
