राजौरी ज़िले में मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक टेम्पो ट्रैवलर और एक मिनी ट्रक की आमने-सामने से टक्कर हो गई। सुबह लगभग 5:30 बजे हुए इस हादसे में दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नौ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल से मिली शुरुआती जानकारी के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेम्पो ट्रैवलर के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्रियों को बाहर निकालने के लिए स्थानीय लोगों और बचाव दल को भारी मशक्कत करनी पड़ी।
मृतकों की पहचान इंशा फातिमा (26 वर्ष, निवासी खोटरा) और फरज़ंद बेगम (50 वर्ष, निवासी फतेहपुर) के रूप में हुई है। दोनों महिलाएं टेम्पो ट्रैवलर में सफर कर रही थीं और किसी पारिवारिक कार्यक्रम के सिलसिले में राजौरी से जा रही थीं। टक्कर के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल, आपातकालीन बचाव दल और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। गंभीर रूप से घायल नौ यात्रियों को पहले राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। उनमें से सात की हालत नाजुक पाई गई, जबकि दो यात्रियों – जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है – को बेहतर इलाज के लिए सेना के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
राजौरी प्रशासन ने इस पूरे मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए यातायात की व्यवस्था संभाली और संभावित जाम की स्थिति को रोकने के लिए वैकल्पिक मार्गों से गाड़ियों को भेजा गया। पुलिस विभाग ने इस हादसे को लेकर केस दर्ज कर लिया है और दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बारिश के कारण सड़क फिसलन भरी हो गई थी और दोनों वाहनों की रफ्तार भी अधिक थी। ड्राइवरों की लापरवाही और सीमित दृश्यता भी हादसे के पीछे की वजहों में मानी जा रही है। प्रशासन ने पीड़ितों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है और घायलों के इलाज का खर्च सरकार द्वारा उठाया जा रहा है।
इस हादसे ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की दुर्गम सड़कों और पहाड़ी रास्तों पर सड़क सुरक्षा की गंभीर आवश्यकता को उजागर कर दिया है। वर्षा ऋतु में विशेष सावधानी और सुरक्षात्मक उपायों की कमी अक्सर जानलेवा साबित होती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि चट्टियारी-चिंगस मार्ग जैसे व्यस्त रास्तों पर स्पीड लिमिट के स्पष्ट निर्देश दिए जाएं, सड़कों की नियमित मरम्मत हो और CCTV कैमरे लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें। वहीं डॉक्टरों और राहतकर्मियों की तत्परता, समय पर प्राथमिक उपचार और फौरन सक्रिय हुई रेस्क्यू टीम की कार्यशैली को लोगों ने सराहा है।
इस दुःखद घटना ने दो परिवारों से उनकी माताएं और बेटियां छीन लीं, जबकि कई अन्य अभी भी अस्पतालों में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। यह एक चेतावनी भी है – न केवल ड्राइवरों के लिए, बल्कि प्रशासन, यातायात प्रबंधन और आम नागरिकों के लिए भी – कि सुरक्षा और सतर्कता में एक भी चूक जीवन के लिए भारी पड़ सकती है। जरूरत है कि हम सबक लें और मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनाएं, जो सड़कों को सुरक्षित, यातायात को नियंत्रित और यात्रियों को आश्वस्त बनाए रखे।