अप्रैल 2021 में भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह रूप ले लिया। संक्रमण की दर रिकॉर्ड तोड़ रही थी और प्रतिदिन चार लाख से अधिक मामले आने लगे। ऑक्सीजन, ICU बेड और दवाओं की भारी किल्लत हो गई, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई। कई अस्पतालों में मरीजों को दरवाज़े पर ही दम तोड़ना पड़ा। श्मशान और कब्रिस्तानों में लंबी कतारें लगीं। प्रशासन पर महामारी की तैयारी में चूक के आरोप लगे। सोशल मीडिया पर मदद के लिए अपीलों की बाढ़ आ गई। सरकार ने वैक्सीनेशन तेज किया, लेकिन संकट इतना गहरा था कि उसने वैश्विक ध्यान खींचा। कई देशों ने भारत को आपातकालीन सहायता भेजी।
