2020 में घोषित नई शिक्षा नीति (NEP) पर 2021 में कार्यान्वयन की दिशा में संवाद और मसौदे बनने शुरू हुए। इसमें मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा, 5+3+3+4 का ढांचा, बोर्ड परीक्षाओं में लचीलापन, और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा जैसी पहलें शामिल थीं। विश्वविद्यालयों को अधिक स्वायत्तता और रिसर्च पर फोकस जैसे कदम प्रस्तावित किए गए। राज्यों, शिक्षकों और छात्रों से सुझाव लेकर सुधार की प्रक्रिया शुरू की गई। यह नीति भारत की शैक्षणिक सोच को 21वीं सदी के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना गया।
