न्यूयॉर्क 24 सितंबर 2025
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में अमेरिका के साथ ऊर्जा व्यापार को और बढ़ाएगा। उन्होंने यह बात न्यू यॉर्क में यू.एस.-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही, जहाँ उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत होती साझेदारी पर जोर दिया।
गोयल ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्यों में अमेरिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने बताया कि अमेरिका की भागीदारी से भारत के लिए ऊर्जा की कीमतों में स्थिरता आएगी और ऊर्जा के स्रोतों में विविधता सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि “घनिष्ठ मित्र और प्राकृतिक साझेदार होने के नाते, हमारे ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका की बहुत उच्च भागीदारी होगी।” स्वच्छ ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा पर विशेष ध्यान गोयल ने स्वच्छ ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा को दोनों देशों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि भारत अपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को अगले पाँच वर्षों में 250 गीगावॉट से बढ़ाकर 500 गीगावॉट करने का लक्ष्य रखता है, और इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में अमेरिका एक अहम साझेदार बन सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में कुछ चुनौतियाँ हैं, खासकर लागत और प्रतिस्पर्धात्मकता को लेकर, लेकिन भारत सरकार निजी क्षेत्र के प्रयासों को बढ़ावा देकर इन चुनौतियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में कदम
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को अपने नियामक ढाँचों को संरेखित करने पर गंभीरता से काम करना चाहिए, ताकि भू-राजनीतिक चिंताओं के बिना सीमा पार ऊर्जा व्यापार को सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 131 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। गोयल के मुताबिक, ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।