टोक्यो पैरालंपिक में भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन ने दिव्यांगजनों को नई पहचान और आत्मविश्वास दिया। इसके अलावा, देश में विकलांगों के लिए सुविधाओं, नौकरियों और शिक्षा में समावेश को लेकर नीति-निर्माताओं का ध्यान बढ़ा। कई राज्य सरकारों ने नई योजनाएं और पुरस्कार घोषित किए। पैरालंपिक मेडल विजेताओं का भव्य सम्मान समारोह हुआ और उनके संघर्षों की कहानियां व्यापक रूप से साझा की गईं। इससे दिव्यांगजनों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत हुई।
