सुबह का सन्नाटा और धरती का हिलना
गुरुवार सुबह जब राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर क्षेत्रों में लोग अपने-अपने घरों, कार्यालयों और बाजार की ओर बढ़ ही रहे थे, तभी अचानक धरती ने करवट ली। लगभग सुबह 9:04 बजे एक तीव्र झटका महसूस हुआ जिसने कुछ सेकंड के लिए पूरे वातावरण को हिला दिया। यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का था, और इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर ज़िले में स्थित बताया गया। भूकंप की गहराई ज़मीन की सतह से लगभग 10 किलोमीटर नीचे थी। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इसका अक्षांश 28.63° N और देशांतर 76.68° E था। भूकंप का झटका दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद से लेकर झज्जर, रोहतक, हिसार तक महसूस हुआ; जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।
दिल्ली से लेकर हरियाणा तक महसूस हुए झटके
दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार और मेरठ जैसे उत्तर भारत के प्रमुख क्षेत्रों में इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। कई बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग इस झटके से घबराकर तुरंत सीढ़ियों से भागते हुए बाहर आ गए। कहीं किसी ने अपने बच्चों को गोद में उठाया, तो कहीं लोग आधे कपड़े में ही इमारत से बाहर निकल आए। झज्जर निवासी एक बुजुर्ग ने कहा, “इस उम्र में ऐसा तेज़ झटका पहले कभी नहीं महसूस हुआ।” वहीं दिल्ली के विकासपुरी इलाके के निवासी सुल्तान खान ने बताया, “हमारे घर की खिड़कियां और पंखे हिलने लगे, मैं और मेरा परिवार दौड़कर बाहर आ गया।”
कोई बड़ी क्षति नहीं, लेकिन सतर्कता बरतने की अपील
हालांकि अब तक किसी प्रकार की जान-माल की हानि की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने भूकंप के बाद अपनी तैयारियों की समीक्षा की और नागरिकों से अपील की है कि घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क अवश्य रहें। दिल्ली पुलिस ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सूचित किया कि राजधानी में फिलहाल किसी प्रकार की क्षति की सूचना नहीं मिली है। पुलिस ने साथ ही यह भी सलाह दी कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें।
भूकंप संभावित क्षेत्र में जीवन — खतरे और तैयारी दोनों ज़रूरी
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र भारत के भूकंपीय क्षेत्र ज़ोन IV में आते हैं, जहां मध्यम से उच्च तीव्रता वाले भूकंप आने की आशंका हमेशा बनी रहती है। पिछले कुछ वर्षों में यह क्षेत्र कई बार छोटे और मध्यम दर्जे के भूकंपों का सामना कर चुका है। इसी वर्ष फरवरी 2025 में भी इसी क्षेत्र में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली और उसके आसपास की fault-lines जैसे सोहना फॉल्ट, दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट, और हरिद्वार रिज लगातार सक्रिय रहते हैं, जिससे भविष्य में भी भूकंप की संभावनाएं बनी रहती हैं।
क्या करें जब आए भूकंप?
भूकंप के समय संयम और समझदारी ही आपकी सुरक्षा की कुंजी होती है। घर या दफ्तर में भूकंप महसूस होने पर सबसे पहले किसी मज़बूत टेबल के नीचे छिपें या खुले स्थान की ओर बढ़ें। अगर आप बाहर हैं तो इमारतों, बिजली के खंभों या पेड़ों से दूर रहें। किसी ऊंची इमारत में फंसे होने की स्थिति में लिफ्ट का प्रयोग न करें। मोबाइल नेटवर्क बाधित हो सकता है, इसलिए ज़रूरत पड़ने पर SMS या ऑफलाइन साधनों का उपयोग करें। इसके साथ ही, घर में हमेशा एक आपातकालीन किट तैयार रखें जिसमें टॉर्च, दवाइयाँ, जरूरी दस्तावेज़ और पीने का पानी हो।
चेतना और तैयारी ही सुरक्षा की कुंजी
आज सुबह का यह भूकंप भले ही किसी बड़ी त्रासदी में तब्दील नहीं हुआ, लेकिन इसने एक बार फिर हमें यह याद दिला दिया है कि हम एक भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में रहते हैं। धरती की यह हलचल आने वाले समय के लिए एक चेतावनी की तरह है कि हमें हर समय सतर्क और तैयार रहना चाहिए। सरकार, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर ऐसे संभावित खतरों के लिए योजना बनानी चाहिए, ताकि आपदा को अवसर में बदला जा सके — और जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।