3 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में तीन तलाक कानून के तहत पहली बार एक व्यक्ति को दोषी ठहराया गया और जेल की सज़ा सुनाई गई। पीड़िता ने अदालत में कहा कि पति ने गुस्से में तीन बार ‘तलाक’ बोलकर संबंध खत्म कर दिया था। अदालत ने इसे गैरकानूनी और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 का उल्लंघन माना। यह घटना कानून की गंभीरता और पीड़ित महिलाओं को न्याय देने की दिशा में पहला अहम उदाहरण बनी।
