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जम्मू-कश्मीर में हर परिवार को मिलेगा यूनिक फैमिली आईडी: पारदर्शी प्रशासन और योजनाओं की निगरानी की ओर बड़ा कदम

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जम्मू और कश्मीर प्रशासन एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी पहल की ओर अग्रसर है। शनिवार, 28 जून 2025 को मुख्य सचिव श्री अटल डुल्लू की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्र शासित प्रदेश में प्रत्येक परिवार के लिए एक विशिष्ट “फैमिली आईडी” (Unique Family Identification Number) तैयार किया जाएगा। यह निर्णय न केवल शासन की पारदर्शिता को सुदृढ़ करेगा बल्कि सभी कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी और न्यायसंगत वितरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह नई प्रणाली सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने में एकीकृत ‘सोर्स ऑफ ट्रुथ’ यानी प्रामाणिक आधार के रूप में कार्य करेगी। इससे योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता आएगी और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे। यह पहल लाभार्थियों तक सरकारी सेवाओं की पहुंच को अधिक प्रभावी बनाने और विभागीय समन्वय को मजबूत करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुख्य सचिव श्री डुल्लू ने कहा कि यह फैमिली आईडी सिस्टम प्रशासनिक उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने के साथ-साथ योजनाओं की जमीनी स्थिति पर डेटा आधारित विश्लेषण उपलब्ध कराएगा। इससे सरकार को यह जानकारी प्राप्त होगी कि किन क्षेत्रों में किस योजना का लाभ कितना लोगों तक पहुंचा है, और कौन से क्षेत्र अभी वंचित हैं। उन्होंने कहा, “यह एक उत्तरदायी और जवाबदेह प्रशासन की दिशा में निर्णायक कदम है, जो जनता के साथ शासन के संबंधों को मजबूत करेगा।”
इस योजना का विस्तृत खाका पेश करते हुए योजना, विकास एवं निगरानी विभाग (PD&MD) के सचिव श्री तलत परवेज ने इसके क्रियान्वयन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर जैसे विशेष परिस्थितियों वाले क्षेत्र में एकीकृत परिवार पहचान प्रणाली की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। उन्होंने जोर दिया कि यह प्रणाली न केवल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक योजनाओं को पहुंचाने में सहायक होगी, बल्कि इससे फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर योजनाओं की गुणवत्ता और पहुंच में भी सुधार होगा।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि यह प्रणाली डिजिटल तकनीक के माध्यम से लागू की जाएगी, ताकि सभी संबंधित विभागों – जैसे कि सामाजिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति, पंचायत और ग्रामीण विकास – को एक ही मंच पर एकीकृत किया जा सके। इस योजना के तहत हर परिवार का एक यूनिक नंबर होगा, जिसमें परिवार के सदस्यों की जानकारी, उनकी पात्रता, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और सरकारी लाभ की स्थिति आदि का समावेश होगा।
यह अनूठी पहल जम्मू-कश्मीर में सुशासन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। इससे जहां एक ओर सरकारी संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग संभव होगा, वहीं दूसरी ओर आम नागरिक की सरकारी योजनाओं तक सीधी और त्वरित पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। यह कदम प्रधानमंत्री के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ विज़न की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित यह यूनिक फैमिली आईडी परियोजना न केवल प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करेगी, बल्कि नागरिकों और शासन के बीच विश्वास का पुल भी बनेगी। यह नवाचार जम्मू-कश्मीर को एक मजबूत, जवाबदेह और तकनीकी रूप से सशक्त प्रशासनिक व्यवस्था की ओर अग्रसर करेगा।

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