भारत में निर्मित कोवैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी। इससे कोवैक्सिन को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली और भारत की वैक्सीन कूटनीति को बल मिला। यह स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए भी सहायक बनी, क्योंकि कई देशों ने कोवैक्सिन को स्वीकार करना शुरू किया। भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर पहले प्रश्न उठे थे, लेकिन डेटा आने के बाद इसे मान्यता मिली। इससे भारत में वैक्सीन को लेकर विश्वास और तेज़ हुआ, और ‘मेड इन इंडिया’ मुहिम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला।
