जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ी, वैसे-वैसे साइबर ठगी, OTP फ्रॉड, फेक वेबसाइट और फ़िशिंग मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। बुज़ुर्गों और ग्रामीण नागरिकों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। साइबर क्राइम सेल्स पर बोझ बढ़ गया और पुलिस को डिजिटल ट्रेनिंग की आवश्यकता महसूस हुई। सरकार ने CERT-In और RBI के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए। UPI फ्रॉड, मोबाइल हैकिंग और फेक लॉटरी जैसी धोखाधड़ी आम हो गईं। यह संकट डिजिटल इंडिया के साथ साइबर सुरक्षा की महत्ता को सामने लाया।
