भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता के एक छात्र को एक सहपाठी छात्रा द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। यह मामला संस्थान और शैक्षणिक जगत में हलचल का विषय बन गया है। हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस को दिए बयान में यौन शोषण की घटना से इनकार कर दिया है।
कोलकाता पुलिस के अनुसार, यह मामला 10 जुलाई को तब दर्ज किया गया जब छात्रा ने अपने सहपाठी पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए छात्र को गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन इस घटना ने नाटकीय मोड़ तब लिया जब पीड़िता के पिता ने औपचारिक रूप से पुलिस को सूचित किया कि घटना के तथ्यों को गलत समझा गया है और उनकी बेटी के साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। उन्होंने मामले को “आपसी गलतफहमी” करार दिया और छात्र के खिलाफ दर्ज आरोप वापस लेने की अपील की।
इस घटनाक्रम पर आईआईएम कोलकाता प्रशासन ने टिप्पणी से इनकार कर दिया, परंतु सूत्रों के अनुसार, आंतरिक समिति पूरे मामले की समीक्षा कर रही है। संस्थान में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, और छात्रों के बीच चिंता की स्थिति है।
पुलिस का कहना है कि अब वे मामले की कानूनी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और जांच के अन्य साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी।
यह मामला न केवल न्यायिक प्रक्रिया की संवेदनशीलता को उजागर करता है, बल्कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की मानसिक, सामाजिक और कानूनी सुरक्षा के मुद्दे को भी सामने लाता है।