जून-जुलाई 2022 में असम, बिहार और उत्तर पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी मानसून वर्षा के कारण बाढ़ की भयावह स्थिति बनी। असम के 30 से अधिक जिलों में 55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए और लगभग 200 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। बाढ़ ने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और फसलें पूरी तरह बर्बाद कर दीं। सिल्चर शहर पूरी तरह जलमग्न हो गया और उसे “जलनगर” कहा जाने लगा। NDRF की टीमें राहत कार्य में जुटीं, लेकिन कमजोर आधारभूत संरचना और खराब योजना ने त्रासदी को और बढ़ा दिया। यह घटना जलवायु परिवर्तन और प्रशासनिक लापरवाही का दुष्परिणाम साबित हुई।
