15 मई को अयोध्या में भव्य कार्यक्रम के तहत रामलला की स्थायी प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की गई। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय श्रद्धालुओं, संतों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह में भाग लिया और इसे ‘भारत की आत्मा के जागरण का क्षण’ कहा। यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ऐतिहासिक बना।
